शादीके लिए मँचमेकींग क्यों करनी चाहीए? शादी का सुनहरा अवसर हर व्यक्तीका जीवन बदल देता है. कहते है, शादी वो लड्डू है,जो खाये वो पछताए, जो ना खाये वो भी पछताए......
लेकीन सच बात ये है की खाकर पछताने वालोंकी तादाद दिनोदिन बढती जा रही है.और ये बात हमारे भारतीय समाज की सभ्यता को तहस नहस कर रही है.
इस सबके लिए हमही जिम्मेदार है.....जब हम अपने लिए जीवन साथी ढुंढने निकलते है तो जीवनसाथी मे क्या देखते है?....
सुंदरता,एज्युकेशन,फँमिली की आर्थिक एवं सामाजिक स्थिती,उसकी कमाई, यही ना? लेकीन क्या यही बाते हर शादी शुदा व्यक्तीको,उसके जिंदगीको खुशनुमा बनानेमे पर्याप्त है?
नही. ..क्यो की हमने अपने अपने
हिसाब से परिमाण बनाये है....
जब कोई शादी समस्याओंसे उलझ जाती है और तलाक की नौबत आती है तो इनमेसे कोईभी चिज तलाकसे उस शादीको नही बचा पाती जिसके लिए आपने पानी जैसा पैसा बहाया हो.....
अब तलाक के लिए भी वही करो...
क्या यही चाहते हो? हम बाजार जाते है तो हर चिज का मोलभाव करते है. नापतोल करते है.चाहे कपडे हो, शुज हो, बिंदी हो,कंगन हो,चश्मा हो......
हरेक का मँचमेकींग करते है .. जबकी ये चिजे जिंदगीभर चलने वाली नही है.और जो व्यक्ती जिंदगी भर हमारी साथसंगत करनेवाला है उसके साथ हम कभी मँचमेकींग नही करते..
और बस यही हम मार खाते है.क्योंकी हमे इस बारेमे पता ही नही की जीवनसाथीसे मँचमेकींग की जाती है?
अंकशास्त्र मे इसका बहुतही बढीया उपाय है..
बस केवल अपनी जनमतिथी और जिवनसाथी की जनमतिथी लाईए...हम बतायेंगे वो आपके लिए अनुरुप है या नही....
बस केवल यही मँचमेकींग आपकी शादीशुदा जिंदगी को यकीनन खुशनुमा बना देगा इसमे कोई दो राय नही......